Monday, March 15, 2010

ए मेरी जान-ए-गझल, क्युं तेरी चाहत न करुं

ए मेरी जान-ए-गझल, क्युं तेरी चाहत न करुं

सांस रुक जाए, अगर तुझसे मुहोब्बत न करुं



मेरे जझबात पे छाया हुआ नगमा तु है

तेरी आवाझ पे दिल नाच रहा है मेरा

मेरी धडकन से छमाछम की सदा आने लगी

बंद होठों से भी जब नाम लिया है तेरा



सांस रुक जाए, अगर तुझसे मुहोब्बत न करुं



मैने टांका था जो एक फुल तेरी झुल्फों में

आज भी याद है उस फुल की महेकान मुझे

तुने तो जिँदगी बक्षी है मेरी सांसो को

भुल सकता है भला कैसे तेरा प्यार मुझे



तुझपे कुरबान मैं क्युं प्यार की दौलत न करुं

सांस रुक जाए, अगर तुझसे मुहोब्बत न करुं









जब सावन मैं तनहा भिगो गे

जब आँगन खाली पाओगे

जब साहिल से टकराती लहरों मैं

अपनी तन्हाई मैं खो जोगे

जब रात के तनहा दामन मैं

तुम चाँद को आधा पाओगे

जब खुद से बातें करते करते

तुम दूर कहीं खो जावोगे

जब दिल की बात छुपाने को

हम से नज़र तुम चुराओ गे

मैं तुमसे मोहब्बत करता हूँ

हर बार ये सुनना चाहो गे

उस दिन तुम जान लेना

के तुम , तुम नहीं

हमारा प्यार बन जाओ गे ……












एक चिडिया को एक सफ़ेद गुलाब से प्यार हो गया , उसने गुलाब को प्रपोस किया ,

गुलाब ने जवाब दिया की जिस दिन मै लाल हो जाऊंगा उस दिन मै तुमसे प्यार करूँगा ,

जवाब सुनके चिडिया गुलाब के आस पास काँटों में लोटने लगी और उसके खून से गुलाब लाल हो गया,

ये देखके गुलाब ने भी उससे कहा की वो उससे प्यार करता है पर तब तक चिडिया मर चुकी थी





इसीलिए कहा गया है की सच्चे प्यार का कभी भी इम्तहान नहीं लेना चाहिए,

क्यूंकि सच्चा प्यार कभी इम्तहान का मोहताज नहीं होता है ,

ये वो फलसफा; है जो आँखों से बया होता है ,



ये जरूरी नहीं की तुम जिसे प्यार करो वो तुम्हे प्यार दे ,

बल्कि जरूरी ये है की जो तुम्हे प्यार करे तुम उसे जी भर कर प्यार दो,

फिर देखो ये दुनिया जन्नत सी लगेगी

प्यार खुदा की ही बन्दगी है ,खुदा भी प्यार करने वालो के साथ रहता

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